Friday, November 27, 2009

क्या फ़ायदा किसी को चाहने का ,
क्या फ़ायदा किसी की यादों में आंसू बहाने का …

जो समझे न किसी के दिल में बसे प्यार को ,
क्या फ़ायदा उसके प्यार के लिए दिल को तडपाने का …

छोटे से दिल को मिलते ग़म बहुत है ,
जिंदगी में मिलते हर पल ज़ख्म बहुत है …

मार ही डालती कबकी यह दुनिया ,
कमबख्त कुछ दोस्तों की दुआओं में दम बहुत है …

उसने जो मेरा साथ न दिया ,
शायद उसकी भी कोई मजबूरी थी …

बेवफा तो वो हो नहीं सकते ,
शायद मेरी मोहब्बत ही अधूरी थी ...........!!!

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