कैसे कहूं की अपना बना लो मुझे
बाँहों में अपनी समां लो मुझे
बिन तुम्हारे एक पल भी अब कटता नहीं
तुम आकर मुझी से चुरा लो मुझे
ज़िन्दगी तो वो है संग तुम्हारे जो गुज़रे
दुनिया के ग़मों से अब चुरा लो मुझे
मेरी सबसे गहरी ख्वाइश हो पूरी
तुम अगर पास अपने बुलालो मुझे
ये कैसा नशा है जो बहका रहा है
तुम्हारा हूँ मैं तो संभालो मुझे
नजाने फिर कैसे गुजरेगी जिंदगानी
अगर अपने दिल से कभी तुम निकालो मुझे
Sunday, February 14, 2010
Subscribe to:
Posts (Atom)