Tuesday, July 6, 2010

तेरी अदा के हम कायल इतने

तेरी अदा के हम कायल इतने ,

कहे कहानी तो शायर निकले ।

छोड़ कर जिस्म ,मेरी रूह उनके पीछे चल दी ,

बजाते जब मेरे कूचे से,वो पायल निकले ।

हंसी भी क्या गजब ,अंदाज बयाँ कर दूं कैसे

लेके आँखों में हया, फुदके बया के जैसे

एक हम ही नहीं, कितने ही घायल निकले ।
तेरी अदा के हम कायल इतने ,

जो आये सामने तो, होश नहीं होश कहाँ,

एक नजर देख कर, पलकें हुई मदहोश कहाँ ,

जुल्फें बलखायें, यूँ चाँद से बादल निकले ।

तेरी अदा के हम कायल इतने ,

कहे कहानी तो शायर निकले ।

Sunday, February 14, 2010

कैसे कहूं की अपना बना लो मुझे
बाँहों में अपनी समां लो मुझे

बिन तुम्हारे एक पल भी अब कटता नहीं
तुम आकर मुझी से चुरा लो मुझे

ज़िन्दगी तो वो है संग तुम्हारे जो गुज़रे
दुनिया के ग़मों से अब चुरा लो मुझे

मेरी सबसे गहरी ख्वाइश हो पूरी
तुम अगर पास अपने बुलालो मुझे

ये कैसा नशा है जो बहका रहा है
तुम्हारा हूँ मैं तो संभालो मुझे

नजाने फिर कैसे गुजरेगी जिंदगानी
अगर अपने दिल से कभी तुम निकालो मुझे

Wednesday, February 10, 2010

कभी खवाबो से निकल आना
कभी हकीकत में मिलने आना
में तुम्हारा इंतजार करता हूँ
में तुम्ही से प्यार करता हूँ

Sunday, January 24, 2010

इंतजार

जाने कब खत्म होगा ये इंतजार
जाने कब होगी तुमसे मुलाकात !
मेरे इस दिल को तेरा इंतजार आज भी है
सोचता हूँ आज भी जब तेरे बारे में
सो नहीं पता हूँ में रातो में
जाने क्यूँ तेरा इंतजार है
जाने क्यूँ मिलने की आस है
में जानता हूँ मिलना नहीं है मेरे नसीब में
में जनता हूँ ...........
तू नहीं है मेरे करीब में
पर क्या चाहना ही है मेरे नसीब में
जाने क्या लिखा है इन हाथो कि लकीर में