तेरी अदा के हम कायल इतने ,
कहे कहानी तो शायर निकले ।
छोड़ कर जिस्म ,मेरी रूह उनके पीछे चल दी ,
बजाते जब मेरे कूचे से,वो पायल निकले ।
हंसी भी क्या गजब ,अंदाज बयाँ कर दूं कैसे
लेके आँखों में हया, फुदके बया के जैसे
एक हम ही नहीं, कितने ही घायल निकले ।
तेरी अदा के हम कायल इतने ,
जो आये सामने तो, होश नहीं होश कहाँ,
एक नजर देख कर, पलकें हुई मदहोश कहाँ ,
जुल्फें बलखायें, यूँ चाँद से बादल निकले ।
तेरी अदा के हम कायल इतने ,
कहे कहानी तो शायर निकले ।
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