Tuesday, July 6, 2010

तेरी अदा के हम कायल इतने

तेरी अदा के हम कायल इतने ,

कहे कहानी तो शायर निकले ।

छोड़ कर जिस्म ,मेरी रूह उनके पीछे चल दी ,

बजाते जब मेरे कूचे से,वो पायल निकले ।

हंसी भी क्या गजब ,अंदाज बयाँ कर दूं कैसे

लेके आँखों में हया, फुदके बया के जैसे

एक हम ही नहीं, कितने ही घायल निकले ।
तेरी अदा के हम कायल इतने ,

जो आये सामने तो, होश नहीं होश कहाँ,

एक नजर देख कर, पलकें हुई मदहोश कहाँ ,

जुल्फें बलखायें, यूँ चाँद से बादल निकले ।

तेरी अदा के हम कायल इतने ,

कहे कहानी तो शायर निकले ।